Dua
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तकलीफ के बारे में सुनकर बहुत बुरा लगा।
हम महसूस कर सकते हैं कि तुम सब किस तरह से सब बर्दाश्त कर रहे हो ।
इसलिए, अल्लाह पर यकीन रखें, अल्लाह बहुत रहम दिल और रहमतों वाला है और अल्लाह ही सारे परेशानियों और बुराइयों से बचा सकता है।
अल्लाह-पाक से दुआ करते है की जो बीमार हैं उन्हें .जल्द से जल्द शिफ़ा -कामिला अता फरमाये, मुसीबतें दूर हो और रूहानी सुकून मिले
आपने इरशाद फरमाया कि क्या मैं तुमको एक ऐसा कलाम ना तालीम करूं ! कि जब तुम इसको पढ़ो तो अल्लाह तआला तुम्हारी फिक्र को दफा फरमा दे
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ऐ सारी कायनात के शहंशाह ,
ऐ सारी मख्लूक़ के पालने वाले ,
ऐ ज़िन्दगी और मौत का फैसला करने वाले ,
ऐ आसमानो और ज़मीनो के मालिक ,
ऐ पहाड़ों और समन्दरों के मालिक ,
ऐ इन्शानो और जिन्नातों के माबूद ,
ऐ अर्श -ए -आज़म के मालिक ,
ऐ फरिश्तों के माबूद ,
ऐ इज़्ज़त और ज़िल्लत के मालिक ,
ऐ बिमारियों से शिफ़ा देने वाले ,
ऐ बादशाहों के बादशाह .
ऐ अल्लाह हम तेरे गुनाहगार बन्दे हैं ,
तेरे ख़ताकार बन्दे हैं ,
हमारे गुनाहों को माफ़ फरमा ,
हमारी ख़ताओं को माफ़ फरमा ,
ऐ अल्लाह हम अपने अगले पिछले,सगीरा,कबीरा, छोटे, बड़े सभी गुनाहों और खताओं की और ना -फरमानियों की माफ़ी मांगते हैं …
ऐ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त हम अपने गुनाहों
से तौबा करते हैं .हमारी तौबा क़ुबूल करले ..
ऐ अल्लाह हम गुनाहगार हैं ,
सियाकार हैं ,
बदकार हैं ,
तेरे हुक्मो के ना -फरमान हैं ,
ना -शुकरे हैं लेकिन मेरे माबूद तेरे नाम लेवा बंदे
हैं तेरी तौहिद की गवाही देते हैं .
तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं है .
तेरे सिवा कोई बंदगी के लायक नहीं है .
तेरे सिवा कोई ताऱीफ के लायक नहीं है .
हमारे माबूद हमारे गुनाह तेरी रेहमत से बड़े नहीं हैं .
तू अपनी रहमत से हमें माफ़ करदे
ऐ अल्लाह पाक आप हमें गुमराही के रास्ते से हटा कर सिरातल मुस्तक़ीम के रास्ते पे चलने वाला बना दे
ऐ अल्लाह ऐसी नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अत कर जिस नमाज़ से तू राज़ी हो जाये ,
ज़िंदगी में ऐसे नेक अमल करने कि तौफ़ीक़ अता कर जिन अमालोंसे तू राज़ी हो जाये .
हमें ऐसी ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफ़ीक़ अता कर जिस ज़िंदगी से तू राज़ी हो जाये .
ईमान पे ज़िंदा रख और ईमान पे ही मौत अता कर .
ऐ अल्लाह हमें तेरे हुक्मों की फ़र्माबरदारी करने वाला बना ..
और तेरे प्यारे हबीब जनाबे मोहम्मद रसूलुल्लाह (सलल्लाहो
ता ‘आला अलैहि वस्सल्लम ) के नेक और पाकीज़ा तरीकों को अपनी ज़िन्दगी में लाने वाला बना .
ऐ अल्लाह हमारी परेशानियों को दूर करदे ,
ऐ अल्लाह जो बीमार हैं उन्हें शिफ़ा -कामिला अता फरमा .
ऐ अल्लाह जो क़र्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं उनका क़र्ज़ जल्द जल्द अदा करवा दे ,
ऐ अल्लाह शैतान से हमारी हिफाज़त फरमा
ऐ अल्लाह इस्लाम के दुश्मनों का मुँह काला कर ,
ऐ अल्लाह हलाल रिज़्क़ कमाने कि तौफ़ीक़ अता फरमा ,
ऐ परवर्दिगार- ए -आलम हमें माँगना नहीं आता लेकिन तुझे देना आता है तू हर चीज़ पे क़ादिर है ..
ऐ अल्लाह जो मांगा वो भी अता फरमा जो मांगने से रह गया वो भी इनायत फरमा …
हमारी दुआ अपने रहम से अपने करम से क़ुबूल फरमा .और जिसने ये दुआ भेजी है और इसे आगे बढ़ा रहा है उसकी सारी परेशानियों,तकलीफ़ों,बिमारियों को दूर फरमा और सेहत तंदरूस्ती अता कर’
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बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
तर्जुमा–अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रेहमत वाला है
अल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन
तर्जुमा–सब खुबियाँ अल्लाह के लिए जो सारे जहां का रब है
सोते वक़्त की दुआ - अल्लाहुम–म बिस्मि–क अमूतु व अह् या
सुबह उठने की दुआ -अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अह्याना बअ–द मा अमा–तना व इलैहिन्नुशूर
लिबास ( कपड़े ) पहनते वक़्त की दुआ-अल्हम्दुलिल्लाहिल्लज़ी कसानी हाज़ा व रज़कनेही मं गैरी हौला मिनिय वल क़ुव्वती
रोज़ा इफ़्तार के बाद की दुआ -
अल्लाहुम्मा इन्नी ल–क सुम्तु व बि–क आमनतु व अलै–क तवक्कलतु व अला रिजि़्कक़ा अफ्तरतु फ़तक़ब्बल मिन्नी
पाख़ाने जाने से पहले की दुआ- अल्लाहुम–म इन्नी अअूज़ु बि–क मिनल खुबुसि वल ख़बाइसि
पाख़ाने से बाहर आने के बाद की दुआ-अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अज़्ह–ब अन्निल अज़ा व आ फ़ानी
किसी को रुख़्सत करते वक़्त की दुआ-अस्त्तौदिअुल्ला–ह दी–न–क व अ मा–न–त–क व ख़्वाती–म अ–म–लि–क०
किसी से रुख़्सत होते वक़्त की दुआ- अस्तव दी ओ कोमुल्लाह अल्लजी ला युदिओ व दाइआहु
सख्त ख़तरे के वक़्त की दुआ-अल्लाहुम–म मस्तुर औरातिना व आमिरौ–आतिना
शुक्रिया अदा करने – ज़ज़ाक़ल्लाह ख़ैर
इल्म में इज़ाफ़े के लिए दुआ- दुआ–रब्बे जिदनी इल्मा
शबे बरात की दुआ- अल्लाहुम–म इन्न–क अफ़ूवुन तुहिब्बुल अफ़ व फ़अ्फ़ु अन्नी या ग़फूरो